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Wednesday, 19 April 2017

Poem on Mother and Father

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माता-पिता
माता –पिता के तुम पर, है बहुत उपकार
जो करे अनादर उनका उसपर है धिक्कार
जो उनकी डाट फटकार को, समझे उनका प्यार ;
तो समझो उसका तो हो गया उद्दार
दिन -रात मेहनत कर, वो तुमको पढाये;
आज –कल के बच्चे उनको बाते सुनाए
ना समझ बच्चो, उनका आदर –सत्कार ;
माता –पिता के तुम पर, है बहुत उपकार
माँ करे तुमको इतना प्यार, नहीं हो सकता बखान ;
पिता के लिए तुम हो, उनकी आन ,बान, शान
करोगे उनसे प्यार, सपने होंगे साकार ;
माता –पिता के तुम पर, है बहुत उपकार
तुम्हे माता –पिता मिले, खुश नसीब हो बढे ;
माता पिता का प्यार पाने को, बहुत कतार में खड़े
करोगे उनका आदर, नैया हो जायगी पार;
माता –पिता के तुम पर, है बहुत उपकार
माता की गोद में, खुशियों के भंडार ;
पिता की सेवा मे, क्या है ये नश्वर संसार?
मृत्युलोक पर भगवान के, है वो अवतार ;

माता –पिता के तुम पर, है बहुत उपकार ||

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