Corruption is the misuse of power and money for the sake of selfish motives. Power is misused by politicians and civil servants, and money by well off people. This surely hampers the progress of any country. Criticising the same, here are two poems in hindi on corruption.
Poem 1
सबसे बड़ी समस्या
भ्रष्ट नेता करते हैं गरीबो पर अत्याचार,
नियम,कानून, उसूलों का डाल कर आचार,
लुट – मारी ओर धोखेबाजी का करते है प्रचार,
आज की सबसे बड़ी, समस्या है भ्रष्टाचार ।
चाहे कुछ भी हो जाए इनको चाहिए धन,
चाहे कुछ भी हो जाए इनको चाहिए धन,
धनी हो गये ओर धनवान, गरीब हो गये निर्धन।
निर्धन चोरी करने के लिये हो गये अब लाचार,
आज की सबसे बड़ी, समस्या है भष्टाचार ।
भ्रष्ट नेता पर हो गया केश, तो उसने दे दिया कैश,
गरीब बेचारा जेल में ओर हो गया तहस – नहस।
कानून भी अब क्या करे, उस पर भ्रष्टाचारियों का उपकार,
आज की सबसे बड़ी, समस्या है भ्रष्टाचार ।
Poem 2
Poem 2
भ्रष्टाचारी कुर्सी
उनकी कुर्सी
उनको बहुत प्यारी,
सामान्य नहीं
है वो सबसे न्यारी।
कमर जिस पर टिकी है,
मिलाता है
बहुत आराम,
उनकी बात
छोड़िये,
जनता की नींद
हराम।
जिस पर है बैठते
वायदे झूठे ,
पुरे देश को
उन्ही ने लुटे।
जिन पर हाथ
रखे है दो
सच है, मगर
है गंदे,
बात सही, लो सुन लो
कपडे सफ़ेद, काले धंदे।
स्वार्थ ,मिलावट ,अन्याय के बजाय,
रिश्वतखोरी से अधूरे न रह जाए
यही है इसके पाव चार ,
है इसका दुनिया भर में संचार।
उनको तो
है बहुत प्यारी,
उनके
साथ हो गई भ्रष्टाचारी
है ना
यह सबसे न्यारी,
-कुर्सी भ्रष्टाचारी।
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